“ईमानदारी और सेवा से अर्जित अद्भुत पूंजी: बच्चों और बहनों का स्नेह”
“तीन-चार दिन अगर क्षेत्र में नहीं रहूं, तो क्षेत्र की सभी बहनें और बेटियां मुझे याद करने लगती हैं। घर की मांओं को परेशान कर देती हैं, और बेटियों का घर में रो-रो कर बुरा हाल हो जाता है। हमारी बहनें अपनी बेटियों को लेकर मुझसे मिलने चली आती हैं। मुझे देखते ही सारे बच्चे खुश हो जाते हैं। यह अद्भुत पूंजी है, जो मैंने अपने जीवन में कमाई है। दिन-रात ईमानदारी और सेवा का नतीजा है कि घर की नन्ही बिटिया भी मुझे याद करती है और मुझसे लिपट जाती है। यह दृश्य अद्वितीय है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।”
डॉ. इरफान अंसारी
माननीय मंत्री